कुछ तो है खास कभी न मिला, न बातें हुईं, फिर भी कुछ तो है, जो तुम्हारी ओर खींच लाता है, शब्दों से पहले, आँखों में कुछ छिपा हुआ सा है। मैंने खुद से ज्यादा तुमसे बात की, दिल के किसी कोने में, तुम्हारा नाम पहले से लिखा हुआ था शायद, वो हंसी, वो खामोशी, क्या है जो इतना अपना सा लगता है? तुम हो, और कुछ है, जो मुझे तुम्हारे करीब लाता है, शायद ये कोई अधूरी कहानी है, जो लिखी नहीं गई, पर एहसासों में महसूस हो रही है। कुछ तो है खास, जो अनजाने में ही पहचान बन गया है, शब्दों से परे, बस तुम हो और वो कनेक्शन, जो अब हमेशा साथ रहेगा। ©the_poetic_soul.09 कुछ तो है खास