सुबह से शाम की कश-मकश मे हम कंही खो जाते है, और घर पहुँचते ही "मै आज काफी थक गया हूँ" ये कह कर सीधा सो जाते है| तो हमे लगा की चलो 9-5 वाले ज़िंदगी का Interval तो आया भी, 15th को घर जाने के लिए टिकट देख कर सुकून तो आया भी, तो सोचा कि दिल्ली के भीड़ से हट कर नए माहौल में जायेंगे, माँ के tasty पकवान खार कर कुछ कमीने दोस्तों के साथ मूवी देखने किसी mall में जायेंगे| ये तो हो गयी हमारी कहानी थी, चलो आज के generation से रूबरू करवाते है| जो family के साथ होते हुए भी, अकेले किसी फ़ोन में ज़िंदगी बिताते है | तो office, collage या tution के हर काम तुम्हे याद है पर अपनों के लिए भी वक्त का हिसाब होना चाहिए, #Family_Time