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फूलों की डाली मुरझाई, भोली माटी भी इठलाई, सूखा पड

फूलों की डाली मुरझाई,
भोली माटी भी इठलाई, 
सूखा पड़ा मन-आँगन में, 
नील गगन ने आग लगाई, 

बादल भी नीर को प्यासे, 
क्षमा माँगते धरती माँ से, 
कौन जतन कर पीर फटे,  
झिल-मिल छाए कहाँ से !! #yqdidi #yqhindi #yqpoetry #badal #barkha #phool #dharti
फूलों की डाली मुरझाई,
भोली माटी भी इठलाई, 
सूखा पड़ा मन-आँगन में, 
नील गगन ने आग लगाई, 

बादल भी नीर को प्यासे, 
क्षमा माँगते धरती माँ से, 
कौन जतन कर पीर फटे,  
झिल-मिल छाए कहाँ से !! #yqdidi #yqhindi #yqpoetry #badal #barkha #phool #dharti