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वो थी कोई ऐसी धूप, जो मेरे आंगन तक आई, और ठैहर गई

वो थी कोई ऐसी धूप, जो मेरे 
आंगन तक आई, और ठैहर गई,!!
आँखे ख़ुली थी, उसके इंतजार में,
मेरी नब्ज़ और साँसे ठैहर गई,!!
फलक तक चलने का वादा किया था,
उसने, वो मेरे साथ कुछ दूर चली,
और ठैहर गई,

©RK writter my poetry #shayar #zalimshayar #Rajatkumar 

#Morningvibes
वो थी कोई ऐसी धूप, जो मेरे 
आंगन तक आई, और ठैहर गई,!!
आँखे ख़ुली थी, उसके इंतजार में,
मेरी नब्ज़ और साँसे ठैहर गई,!!
फलक तक चलने का वादा किया था,
उसने, वो मेरे साथ कुछ दूर चली,
और ठैहर गई,

©RK writter my poetry #shayar #zalimshayar #Rajatkumar 

#Morningvibes
rkthezalim2920

RK writter

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