समरसता की लहर हिलोरे सप्तसिंधु की झंकृति बोले देशराग की सरस संस्कृति राग-द्वेष की कलई खोले शय शियासत नफ़रत वाली काँपे थरथर डगमग डोले जिधर करे सभ्यता इंगित परचम हिंदुस्तानी होले अपनी झोली भरने वाले पहले अपना सिक्का तोलें मैं भी तेरे हक़ में बोलूँ तू भी मेरे हक़ में बोले #toyou#mynation#mypride#coloursofhappiness#yqunity#yqlove#yqaman