122 122 122 12 लिखी जो ग़ज़ल है, सुनाना हमें हाँ पलकों पे अपनी, बिठाना हमें ख़ुदा, दर्द हैं इस जहां में बहुत तू आकर यहाँ से, लेजाना हमें बहुत संग-दिल है ये दुन्या तेरी कि जन्नत कहाँ है, दिखाना हमें नहीं आती है बिन तेरे नींद भी माँ तू आके, लोरी सुनाना हमें "सफ़र" ज़िन्दगी का है मुश्किल यहाँ कि जीना है कैसे, सिखाना हमें ग़ज़ल धुन: दिखाई दिए यूँ, कि बेख़ुद किया #yqbaba #yqdidi #shayari #सफ़र_ए_प्रेरित #life #broken