माना कि बात तेरी सही है पर गलत बात काे मैनें भी नहीं कहीं है... अनुशीर्षक में पढ़े.. कइ बार ऐसा हाेता है कि जाे बात हमारे नजरिये से बिल्कुल गलत है ,अगर वहीं बात सामने वाले के दृष्टिकाेण से देखे ताे बात सही नजर आती है ।ताे किसी पर भी ईल्जाम लगाने से पहले एक बार साेच जरूर लेना चाहिए। अपने किसी मित्र की हीं पाेस्ट पर मैनें किसी की प्रतिक्रिया पढी कि प्रेम के बारे में लिखना ताे बहुत आसान है,समाज के बारें में कुछ लिखे ताे समझे कि वाे लेखक है।क्या वाकई प्रेम काे लिखना इतना आसान है.....!! खैर लेखन का विषय काेई भी क्यूं न हाे,हर लेखक अपने सार्मथ्य के अनुसार अपना बेस्ट देने का प्रयास करता है।ताे अगर आप उनका उत्साह नहीं बढ़ा सकते ,ताे बिना मतलब अनावश्यक विवाद ना खडा करे। आपके सही हाेने मात्र से दूसरा गलत नहीं हाे सकता ! Yq लेखन का मंच है राजनैतिक अखाड़ा नहीं.. यहां हर किसी काे अपनी बात कहने और लिखने का अधिकार है । ताे मित्राे मतभेद हाे ताे हाे