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लब्ज ना खुले, तो खामोशी मे कुछ कहा जाए, लोग कहते

लब्ज ना खुले,  
तो खामोशी मे कुछ कहा जाए,
लोग कहते है बारीश का मोसम बड़ा सुहावना होता है,
तो चलो! बारीश का मज़ा भी लिया जाए,, Bhunesh Solnki
लब्ज ना खुले,  
तो खामोशी मे कुछ कहा जाए,
लोग कहते है बारीश का मोसम बड़ा सुहावना होता है,
तो चलो! बारीश का मज़ा भी लिया जाए,, Bhunesh Solnki