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बेवकूफियां अक्सर बेवकूफियां कर देती है वो कईं बार

बेवकूफियां

अक्सर बेवकूफियां कर देती है वो कईं बार
और मैं उसकी बेवकूफियों को
सहेज कर रख लेता हूँ
अपनी अलमारी के कोने में
और समझाता हूँ उसे 
हर बार और बार-बार
जब-जब करती है वो बेवकूफियां 
गर नहीं मानती है वो
बार-बार चेताने पर भी तो
मैं खोलकर दिखा देता हूँ उसको 
उसकी बेवकूफियों से भरी अलमारी
जिसमें रखी हैं उसकी 
सारी बेवकूफियां करीने से
वो धीमे से मुस्कुराती है 
और फिर चल पड़ती है 
सही राह पर, सही मुकाम की ओर
उसको सही राह दिखाना और 
उसकी बेवकूफियों को सहेजना ही
मेरा फर्ज है, जिसे मैं शिद्दत से निभाता हूँ
और वो भी ससम्मान सिर झुकाकर 
भुला देना चाहती है 
अपनी सारी बेवकूफियों को

©डॉ. मनोज कुमार "मन"
बेवकूफियां

अक्सर बेवकूफियां कर देती है वो कईं बार
और मैं उसकी बेवकूफियों को
सहेज कर रख लेता हूँ
अपनी अलमारी के कोने में
और समझाता हूँ उसे 
हर बार और बार-बार
जब-जब करती है वो बेवकूफियां 
गर नहीं मानती है वो
बार-बार चेताने पर भी तो
मैं खोलकर दिखा देता हूँ उसको 
उसकी बेवकूफियों से भरी अलमारी
जिसमें रखी हैं उसकी 
सारी बेवकूफियां करीने से
वो धीमे से मुस्कुराती है 
और फिर चल पड़ती है 
सही राह पर, सही मुकाम की ओर
उसको सही राह दिखाना और 
उसकी बेवकूफियों को सहेजना ही
मेरा फर्ज है, जिसे मैं शिद्दत से निभाता हूँ
और वो भी ससम्मान सिर झुकाकर 
भुला देना चाहती है 
अपनी सारी बेवकूफियों को

©डॉ. मनोज कुमार "मन"