वो भी किसी का पति है, किसी का बाप है वो भी मेहनत करता है, उसके भी माँ-बाप हैं वो धूल से लत-पत, लड़ रहा है आज पग-पग वो बड़ी-बड़ी इमारतों की एक-एक ईंट का बोझ ढोता है शाम की एक गरम चाय के लिए वो धूप में तपता है वो अक्सर सड़क के किनारे अब बिना खाये सोता है वो आज पैसों से तंग है, उसका भी तो समाज पे अधिकार है ये कैसा समय का रंग है, वो आज बेरोज़गारी का शिकार है वो भूँखा-प्यासा, आज मीलों चलने पे मजबूर है ना थकता है, ना हारता है, वो बस एक मज़दूर है #मज़दूर #migrantworkers #helpworkers #labourers -Manku Allahabadi वो बस एक मज़दूर है #labour #migrant #workers #majdoor #मजदूर #corona #lockdown #mankuallahabadi