New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं तू कह के कर तुझे जो भी हो करना तेरी परवाज को रोका नहीं हूं गलत कामों से है तकलीफ मुझको' गलत राहों प मैं चलता नहीं हूं अगर है प्यार तो रुसवाई मत कर झुका हूं इश्क में डरता नहीं हूं ©Qaseem Haider Qaseem #Sad_Status New Ghazal अभी खामोश हूं बोला नहीं हूं जबान रखता भी हूं गूंगा नहीं हूं तेरी हर गलतियों को देखता हूं नकाब आंखों पर है अंधा नहीं हूं