"तुम ठहर गए होते तो ऐसा ना होता," आज जो भी हूँ तेरी ही बदोलत हूँ,काश तुने यू नजर घूमा के देखा ना होता, बदल के रख दी सारी जिंदगी ,चार दिन के बाद तूने ना बोला ना होता... आज खेलता हूँ ना जिस्म से लोगों के, तेरी रूह कि तालाश में,काश तूने इस राह पर छोडा ना होता! तुम ठहर गये होते तो ऐसा ना होता.. ऐसा ना होता