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चमकना चांद के जैसे जब अंधेरा हो जाए तपन आफताब जैसा

चमकना चांद के जैसे जब अंधेरा हो जाए
तपन आफताब जैसा हो जमाना जग जाए
मधुर आवाज़ हो जैसे कोयल बाग में कूके
अधर पर हो हंसी चमन का गुल खिल जाए

©Rudradeep
  #creation