एक सपना देखा था मैंने, सपना, सपना ही रह गया मेरा ही नही लाखों का वो सपना, सपना था जो टूटा वो सपना मेरा, मैं टूटी सी रह गयी जो साथ थे वो बन गए अब आदमी बड़े वो जा चुके मंजिल अपनी पा चुके हालातों से समझौता हम कर चुके अपनी हैसियत को हम समझ चुके #IIT