जाने क्यूँ इस अँधेरे से डर लगता है, सब होते तो पास है, बस कुछ अपनो के दूर जाने से डर लगता है, रोना तो मैं भी चाह्ता हूँ, पर देख ना ले कोई इस बात से भी, डर लगता हैं, कहना सब कुछ चाह्ता हूँ बस किसी को दुःखी ना कर दूँ इस बात का भी डर लगता है, काम से कभी परेशान नहीं होता बस समाज कि हालत देख डर सा लगता हैं, सुबह से शाम तक तो सब सही रहता है, पर ना जाने क्यूँ रात होते होते डर सा लगता हैं😔 ©Lucky Shubham Rawat #darsalagtahai #alone