" सावन मे तुझे प्रेयसी कुछ याद दिलाने आया हूँ " Read in Caption.. तेरी बाहों में आज फिर से सिमटने आया हूँ, जो याद नही तुझे,मगर मुझे याद है वो सब कुछ, तुम बारिश की बूंदों से भीगती थी मेरे संग, उसी बूंदों से भीगोने आया हूँ। जो याद नही है तुझे सावन में प्रेयसी वो याद दिलाने आया हूँ। आँगन में तेरे बारिश के तेज धार में