नाराज़ हो जाते हैं कभी कभी वो हमसे फिर दुआएं भी दे जाते हैं कुछ इस तरह है उनसे नाता जिन्हें हम कभी भुला नहीं पाते है ©Tafizul Hussain Sambalpur Odisha एक रिश्ता ऐसा भी #pen