ख्याल ना आए पहले वो आ जाए रेगिस्तान में जैसे बारिश की बूंद गिर जाए तूफान चाहे तेज हो कितना भी मगर साथ मेरे किश्ती में वो सवार हो जाए डर नहीं डूबने का हमे जलजले मे तनिक भी मेरे हाथों मे बस उसका हाथ हो जाए चांद को देख कर झुक जाती है नजरे हमारी उनकी झुकी हुई नजरों से चांद रुक जाए वो कौन है जो डूब जाते हैं जाम के नशे में डूब कर उनकी आँखों मे मेरी सुबह से शाम हो जाए बड़ी शिद्दत से उनके लिए ये महफिल सजी है आज ये महफिल उनकी अदा के नाम हो जाए लूट जाते हैं जुगनू भी अंधेरे दूर करने की कवायद में, मेरे आंगन में उसकी परछाई का दीदार हो जाए l ✒️♥️♥️ Nilesh singh Patna university #pyarwalidosti