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ऐ वक़्त कुछ ऐसा चमत्कार कर लौट आये वो पुराना वक़्त

ऐ वक़्त कुछ ऐसा चमत्कार कर
लौट आये वो पुराना वक़्त 
जब रोने के लिए अँधेरा नहीं ढूंढना पड़ता था
हर वक़्त हंसी का मुखौटा नहीं रखना पड़ता था
जब रिश्ते को दिल से निभाया जाता था
किसी के आँख में आँसू हो तो हमसे भी नहीं मुस्कुराया जाता था
अब रिश्ते बदल गए जज़्बात बदल गए
हर इंसान के बड़े होने पे स्वभाव बदल गए
बचपन से खवाहिश होती थी..बड़ा होना है बड़ा होना है
उस वक़्त पता नहीं था..बड़ा होना मतलब बचपना खोना है
आज भी शांत अकेले में सारी शरारतें याद आ जाती है
आइने के सामने खड़े होकर आढ़े टेढ़े मुँह बनाने पे बचपन याद आ जाती है
बचपन में माँ के डाँटने पे गुस्सा आता था
आज बड़े हो गए तब उसी डांट का कमी खलता है
बचपन में रिश्ता जोड़ना सिखाया जाता था
और जब बड़े हुए तब सही में अबतक रिश्ते ही जोड़ रहे हैं
बचपन में कागज की कई कस्तियाँ चलाई
पता नहीं था ये कागज़ ही हमारी हस्ती बनाएगी।
 #childhoodmemory#childhood#yqbaba#yqdidi#yqhindi#yqshyari
ऐ वक़्त कुछ ऐसा चमत्कार कर
लौट आये वो पुराना वक़्त 
जब रोने के लिए अँधेरा नहीं ढूंढना पड़ता था
हर वक़्त हंसी का मुखौटा नहीं रखना पड़ता था
जब रिश्ते को दिल से निभाया जाता था
किसी के आँख में आँसू हो तो हमसे भी नहीं मुस्कुराया जाता था
अब रिश्ते बदल गए जज़्बात बदल गए
हर इंसान के बड़े होने पे स्वभाव बदल गए
बचपन से खवाहिश होती थी..बड़ा होना है बड़ा होना है
उस वक़्त पता नहीं था..बड़ा होना मतलब बचपना खोना है
आज भी शांत अकेले में सारी शरारतें याद आ जाती है
आइने के सामने खड़े होकर आढ़े टेढ़े मुँह बनाने पे बचपन याद आ जाती है
बचपन में माँ के डाँटने पे गुस्सा आता था
आज बड़े हो गए तब उसी डांट का कमी खलता है
बचपन में रिश्ता जोड़ना सिखाया जाता था
और जब बड़े हुए तब सही में अबतक रिश्ते ही जोड़ रहे हैं
बचपन में कागज की कई कस्तियाँ चलाई
पता नहीं था ये कागज़ ही हमारी हस्ती बनाएगी।
 #childhoodmemory#childhood#yqbaba#yqdidi#yqhindi#yqshyari