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# फासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा | Hindi शायरी

फासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था सामने बैठा जो होगा और वो मेरा न था

वो कि खुशबू की तरह फैला था मेरे चार सु मैं उसे महसूस कर सकता था छू सकता न था

फासले ऐसे भी होंगे ये कभी सोचा न था सामने बैठा जो होगा और वो मेरा न था वो कि खुशबू की तरह फैला था मेरे चार सु मैं उसे महसूस कर सकता था छू सकता न था #शायरी

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