#_बचपन से किसी चीज़ की ख्वाइश ही ना थीं , बचपन से ही घरवालों से दूर जो रहा , हर जरूरत तो मिल जाती थीं पर माँ के प्यार के लिए खूब तराशा, फिर तुमसे मुलाकात हो गई yq पे अपना पन सा लगा की मानो कोई अपना हो , मैं ने बिन सोचें तुम्हें पहली दफा ही इज़हार भी किया, पहली दफा मोहब्बत हुई थीं मुझें इससे पहले किसी से मोहब्बत ही नहीँ हुई थीं, वैसे तुम्हें भी पता था मुझें कितने लोग चाहते हैं तुम चीरती थीं उनसे इसलिए तुम्हारी ख़ुशयो के लिए उनको block तक कर दिए, पता नहीं क्या सोच लिया तुमने किसी और से मोहब्बत कर ली, प्यार इज़्ज़त सब तो देता था हाँ वक़्त नहीँ रहता था फिर भी निकाल ही लेता था वक़्त, पर उस बात से भी खफा नहीँ हूँ कि तुम्हें मोहब्बत क्यों हुई खफा इसलिए हूँ कि हर दफा तुमने झूठ कितने सलीके से बोला...!! 😣😣😣 ख़ैर तुम ख़ुश रहो दुआ करूँगा 🙏🙏🙏🙏 Ek dafa batya to hoto mein na tumhe kitna freadm de rakha thaa 🙏🙏🙏 Tumhe bhi pata tha jhuth see nafart mujhe phir bhi jhuth shai hain yaar 🙏🙏🙏 Khuda tumhe sari khushiya de hemsha khush raho tum 🙏🙏 Byee take care 😊🙏