निगाहें झुकाकर न जाने कहाँ निकल पड़े हैं , ये हमारे दोस्त हैं न जाने किस मंजिल की ओर चल पड़े हैं ।। अरे! ये तो ...... निगाहें चुराकर दोस्ती के डोर को तोड़ रहें हैं , लगता है ये जनाब कहीं और ही दिल जोड़ रहें हैं ।। अब मन नही लगता जनाब को , यारों की मंडली में , लगता है ये किसी और के खयालों में खो रहे हैं ।। जो हर-पल खुल कर हँसा करते थे , वो आज-कल मन ही मन मुस्कुरा रहें हैं , न जाने ये जनाब किस गली में जा रहे हैं ।। हाव् -भाव थोड़ा बदले-बदले से नज़र आ रहे हैं । तभी तो ये जनाब आज हम यारों से नज़रे चुरा रहे हैं ।। लगता है इन्हें इश्क़ हो गया है , न जाने किस बला के पास इनका दिल खो गया है।। आज कल ना किसी की सुनते हैं , ना ही किसी को कुछ सुनाते हैं , बस अकेला रहना चाहते हैं और केवल मन ही मन मुस्कुराते हैं ।। ऐ मेरे दोस्त.... ये चुपचाप किस गली में जा रहे हो , दो दिन पहले हुई मोहब्बत की खातिर , आज अपने यार से नजरें चुरा रहे हो ।। वादा किया था तुमने की हमेशा साथ निभाओगे , पता न था की ये इश्क़ की खातिर ,एक दिन तुम चोरों की तरह अपने यार से ही नजरें चुराओगे।। इश्क़ की राहों में चलकर मेरे यार बेशक तुम मुझे भूल जाओगे ।। लेकिन मेरे यार , तुमसे एक वादा रहा , तुम जब भी लौटकर बापस आओगे , अपने इस पुराने यार को ही पाओगे ।।💙 ©Divyanshu Anand यार या प्यार ? #Love #Dosti #ishq