Nojoto: Largest Storytelling Platform

ज़ख्म भरते हैं उन्हें फिर से दुखा लेते हैं आसरा फ

ज़ख्म भरते हैं उन्हें फिर से दुखा लेते हैं 
आसरा फिर से तेरी याद का पा लेते हैं 

मेरी आँखों में लिखा नाम तेरा मिट जाये 
बस यही सोच के कुछ अश्क बहा लेते हैं 

ग़ैर होकर भी सितम उनके नहीं होते कम 
आये दिन अपनी वो डीपी को हटा लेते हैं

©धर्मेन्द्र "आजाद" #डीपी
ज़ख्म भरते हैं उन्हें फिर से दुखा लेते हैं 
आसरा फिर से तेरी याद का पा लेते हैं 

मेरी आँखों में लिखा नाम तेरा मिट जाये 
बस यही सोच के कुछ अश्क बहा लेते हैं 

ग़ैर होकर भी सितम उनके नहीं होते कम 
आये दिन अपनी वो डीपी को हटा लेते हैं

©धर्मेन्द्र "आजाद" #डीपी