कभी हैं तू सूरज सी रोशन कभी हैं तूझ में चांद सी शीतलता सागर का शोर है अंदर हिमालय की है स्थिरता हैं तूझ में समाया ब्रह्मांड सारा बस देख हटा सवालों का पहरा #singlehood