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मैं तुम्हारा कांटा , तुम मेरी गुलाब हो, मैं

मैं  तुम्हारा   कांटा , तुम  मेरी  गुलाब  हो,
मैं वक्त का सन्नाटा, तुम मेरी शवाब हो....

तुम  हो  मेरी  दिल , बहुत  लाजवाब  हो,
तुम  हीं  मेरे  जिंदगी   के   ख्वाब   हो....

नशा  और  कोई नहीं प्यार को छोड़ कर,
तुम हीं मेरी नशा,तुम हीं मेरी शराब हो....
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प्रमोद मालाकार की कलम से
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©pramod malakar
  #तुम मेरी गुलाब हो.......

#तुम मेरी गुलाब हो....... #शायरी

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