जलियांवाला बाग़ १३ अप्रैल १९१९ रौलेट एक्ट काला कानून वैशाखी पर्व खुशी का लगा था मेला अमृतसर में लोगों में खुशी थी लेकिन ,सत्यपाल और किचलू जी गिरफ्तार थे जलियांवाला बाग में सभा, सुनकर मासूम भी शामिल थे। अंग्रेजों के षड़यंत्र का ,कुछ भी नहीं भान था सभा निदोष निहत्थों की ,जनरल डायर को ज्ञान था। दुष्ट डायर की सेना ने ,बाग को घेर लिया था भारत माँ के बेटों को ,अंग्रेजों ने शहीद किया था। एक निकास द्वार बाग में ,अंग्रेजों की गोली थी देशभक्त थे वे लोग ,बंदे मातरम् बोली थी। जान बचाने को भागे, कुआँ शवों से सीझा था दुष्ट हृदय अंग्रेज उनका , सीना न पसीजा था। सौ साल बाद हवा मै, लेते हैं हम खुली श्वांस श्रेय उन शहीदों का भी है, हुए शहीद, हम हैं आजाद । - सुमित खमार Jallianwala Bagh