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अतीत की सुरंग से अक्सर जिंदगी की ट्रेन गुजरती है,

अतीत की सुरंग से अक्सर
जिंदगी की ट्रेन गुजरती है,
छुक छुक कर यादों के स्टेशन पर रुकती है,
कैसे सुहाने थे वो दिन,
सोच कर विस्मित हो जाता हूँ।
फिर खुद को पुराने दिनों में पाता हूँ,
काश! कोई रुकने का बटन होता,
रोक देता समय के घूमते पहियों को,
फिर माँ की गोद मे लौट जाता,
दोस्तों संग खेल के मैदान पर जाता,
फिर गलतियों पर तुरंत माफ़ी मिल जाती,
खुशियां ख़ुद दौड़ कर पास आती,
जिंदगी जीने का अंदाज़ बदल जाता,
काश! ऐसा कुछ कभी हो पाता।
मुझें माँगने को अगर कुछ कहा जाता
पहली प्रार्थना में मैं बस यही माँग पाता। पहली प्रार्थना (कविता)

अतीत की सुरंग से अक्सर
जिंदगी की ट्रेन गुजरती है,
छुक छुक कर यादों के स्टेशन पर रुकती है,
कैसे सुहाने थे वो दिन,
सोच कर विस्मित हो जाता हूँ।
फिर खुद को पुराने दिनों में पाता हूँ,
अतीत की सुरंग से अक्सर
जिंदगी की ट्रेन गुजरती है,
छुक छुक कर यादों के स्टेशन पर रुकती है,
कैसे सुहाने थे वो दिन,
सोच कर विस्मित हो जाता हूँ।
फिर खुद को पुराने दिनों में पाता हूँ,
काश! कोई रुकने का बटन होता,
रोक देता समय के घूमते पहियों को,
फिर माँ की गोद मे लौट जाता,
दोस्तों संग खेल के मैदान पर जाता,
फिर गलतियों पर तुरंत माफ़ी मिल जाती,
खुशियां ख़ुद दौड़ कर पास आती,
जिंदगी जीने का अंदाज़ बदल जाता,
काश! ऐसा कुछ कभी हो पाता।
मुझें माँगने को अगर कुछ कहा जाता
पहली प्रार्थना में मैं बस यही माँग पाता। पहली प्रार्थना (कविता)

अतीत की सुरंग से अक्सर
जिंदगी की ट्रेन गुजरती है,
छुक छुक कर यादों के स्टेशन पर रुकती है,
कैसे सुहाने थे वो दिन,
सोच कर विस्मित हो जाता हूँ।
फिर खुद को पुराने दिनों में पाता हूँ,