जलती धरती में मन मेरा ढूंढ रहा है वह खामोश मरहबी छाया जो है रूहों का सुकून जिसमें जिंदगी का सार नजर आया इन तपते कर्मों के आंगन में जब अतीत ने मर्गमरीचिका बनाया तब समझ में आई वक्त की धार,पर कौन है जो माने खुद को कसूरवार छुपा रखा है वो सब जो कभी छुप नहीं सकता है तो इंसान ही तू और इंसान बिना पाप करे ज़ी नहीं सकता jitesh... #Isolated #jalti #dharti #Waqt #zindgi #saare #Kusur #Life