अनकही, अनछुई बातें ,यादें .. चुल्लु भर जल अंजुलि में, दे कर आज तिलांजलि.. ली जो मैंने कुछ भी शिक्षा, देने को है सिर्फ यही गुरु दक्षिणा.. करना स्वीकार परमपिता ब्रह्मा.. क्षमायाचना की पात्र नहीं मैं, सूक्ष्म जीव हूं ,नहीं तेरा हिस्सा मैं .. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय(संत कबीर जी ) #क्षमावाणी #मित्र #यादें #गुरूदक्षिणा #परमपिता_परमात्मा #तिलांजलि #भूल #क्षमायाचना