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हम न देखें लेकिन अन्धकार वर्ष को चीर कर प्रकाश की

हम न देखें 
लेकिन अन्धकार वर्ष को चीर कर
प्रकाश की लचीली बाँह
हमें छूती है

हम दरवाजा न खोलें
लेकिन शहर में 
किसी भी सड़क पर 
घूमने वाली बीमार रफ्तार
इस अस्पताल के सदर गेट पर 
दस्तक देती है

©Komal Upadhyay #dhoomil #poem #Poet #hindipoetry #hindipoet #hindikavita #poemoftheday 

#Star
हम न देखें 
लेकिन अन्धकार वर्ष को चीर कर
प्रकाश की लचीली बाँह
हमें छूती है

हम दरवाजा न खोलें
लेकिन शहर में 
किसी भी सड़क पर 
घूमने वाली बीमार रफ्तार
इस अस्पताल के सदर गेट पर 
दस्तक देती है

©Komal Upadhyay #dhoomil #poem #Poet #hindipoetry #hindipoet #hindikavita #poemoftheday 

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