#OpenPoetry कभी खुद को कुछ समझाने लिखता हूँ , कभी दिल के राज़ तुझे बताने लिखता हूँ , यु तो आसमान से से ज़मीन कभी मिल नहीं पाती , मिसाल-ए-इश्क़, मशहूर उनके अफ़साने लिखता हूँ उखड गयी तेरे वृक्ष की जड़ अब माटी सा उड़ता हु घर तेरे दिल से निकल अब कहीं कहाँ टिकता हूँ एक अरसे बाद आज टकरा गयी जो निगाहें तुमसे , एक पल में आँखों में जो गुज़रे ज़माने लिखता हूँ कभी खुद को कुछ समझाने लिखता हूँ , कभी दिल के राज़ तुझे बताने लिखता हूँ .. #lovelife #truelove #lovelifeisawesome #feelingswhatifeel #listen Soumya Jain How is this ?? drop your comments #thanks #lotsoflove 😘😘