जिस प्रकार समुद्र अपने अंदर उन सभी वस्तुओं को प्राकृतिक को निछावर कर देती है । ठीक उसी प्रकार मां अपनी ममता अपने बच्चों पर निछावर करती है क्योंकि दोनों का दिल समानान्तर गहरे होते हैं । तभी तो ईश्वर ने भी मां की ममता पाने हेतू जन्म लिया । "मेरे सुख में तू सुखी दुःख में मेरे रोय काँटे चुन-चुन राह के फूल रही तूं बोय। -प्रमोद मिश्रा #कर्तव्य_बोध