(90) फ़िक्र थी जिसकी हर काम से पहले ज़िक्र थी जिसकी हर शाम से पहले लिखने को तो मैं बहुत कुछ लिखा पर लिखा ना मैं कुछ उसके नाम से पहले. ©Mohd Asif (Genius) #asifgenius