पहले अक्सर मैं ,अपने जुल्फों काे खुला छाेडती थी, संवछन्द बिल्कुल मेरी तरह जब भी काेई लट मेरी गालाें काे छूती मैं अनदेखा कर देती उसे, वैसे हीं जैसे ,समाज की नजराें, काे अनदेखा करती थी फिर मैं बड़ी हाे गयी ताे बालाें में कल्लचर लगाने लगी ठिक वैसे हीं जैसे अपनी भावनाओं पर अंकुश लगाती थी मैं, और फिर मुस्कुराना भूल गई मैं जुल्फें संवारनां भूल गई मै कस कर लपेट केजुड़ा बना लेती थी और राेक देती थी,उन्हें मेरे गालाें पर बिखड़ने से ठिक वैसे हीं जैसे अपनी इच्छाओं और सपनाें काे बाँधती थी मैं... पर अब चाहती हुं , कुछ वक्त खुद के लिए जीना माना अधूरी रही बहुत सी ख्वाहिंशे फिर भी चाहती हूं कुछ ख़्वाब सजाना अभी मुझमें कहीं बांकी थोड़ी सी है जिंदगी 💕 #cinemagraphcollab #yoliwrimo #दोनईबातें #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi