अर्थजगत के प्रहरी देश सहित संसार थमा और, थम गया हर एक राज-समाज। हो नोटबंदी या देशबंदी, या रहे बंद प्रत्येक विभाग। देश में जब भी कोई विपदा, कोई समस्या आई है। बने खेवैय्या, सबकी नैय्या, हमने पार लगाई है। देश सहित संसार थमा और, थम गया हर एक राज-समाज। हो नोटबंदी या देशबंदी, या रहे बंद प्रत्येक विभाग। देश में जब भी कोई विपदा, कोई समस्या आई है। बने खेवैय्या, सबकी नैय्या,