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"मान-महाविष रूप... मैं सदा विनयी बनूँ... गुण ग्रहण

"मान-महाविष रूप...
मैं सदा विनयी बनूँ...
गुण ग्रहण कर जाऊँ सबके..
दोष न कोई गिनूँ।"
(day2-दसलक्षण महापर्व-"उत्तम-मार्दव")

©मनमर्जियां #जैन #Jain 
#jainypoetry 
#aastha #आस्था #धर्म
"मान-महाविष रूप...
मैं सदा विनयी बनूँ...
गुण ग्रहण कर जाऊँ सबके..
दोष न कोई गिनूँ।"
(day2-दसलक्षण महापर्व-"उत्तम-मार्दव")

©मनमर्जियां #जैन #Jain 
#jainypoetry 
#aastha #आस्था #धर्म