यूक्रेन और रूस के हमले ने हमारे समक्ष ऊर्जा का संकट खड़ा कर दिया है कुछ समय पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम लगभग $80 प्रति बैरल था तब देश में पेट्रोल का दाम लगभग ₹90 प्रति लीटर होता कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यदि उसने शंकर लंबा खिंचा तो कच्चे तेल का दाम रेट 100 लीटर बैरल तक जा सकता है देश में पेट्रोल के दाम ₹130 प्रति लीटर जा सकती है हमारे आर्थिक विकास के दो प्रकार से नुकसान होगा पहला यह कि तेल की आदत है तो हम अधिक मात्रा में डॉलर करने के लिए आने पर करना होगा दूसरा यह कि आम आदमी महंगाई से निपटने के उपाय है कि हम और घरेलू स्तर पर निर्भर नहीं रहना होगा को बढ़ाने में सफलता की जाएगी फिर भी एक आकलन के अनुसार मंडल का हिस्सा सिर्फ 12% के करीब रहेगा इसलिए सौर ऊर्जा जरूरतें होते हुए भी समाधान नहीं है दूसरा उपाय पानी बिजली का है जिसके तमाम पर है उस पर हमें इसका दायरा बढ़ने पर जितना हमारे नागरिकों के जीवन स्तर में ऊर्जा की खबर पढ़ने में सुधार होगा वह सबसे ज्यादा नुकसान उन्हीं के जीवन में पर्यावरण की स्थिति से होगा इसके कारण विस्थापित एवं प्राकृतिक आपदाओं के स्थिति उत्पन्न होती है तीसरा फाइनल है ©Ek villain #ऊर्जा संकट से बचने के उपाय #election