Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज भी भटकती हूं उन गलियों में, जिन गलियों में हम म

आज भी भटकती हूं उन गलियों में,
जिन गलियों में हम मिला करते थे।
करती रहती हूं बातें उन रातों से,
जिन रातों को हम जागे गुजारा करते थे।
छुपा लेती हूं ओ आंखे,
जो तुम्हे देखने को तरस तरस के बरसा करते है। #मिलके भी ना मिले तुम हमसे, इतना दूर क्यों चले गए हमसे, रोती हूं यादों में तो बरसते है क्यों आंखे, दर्द है तो छुपता नहीं क्यों दिल से#love#pyaar vyaar#yqhindi#yqquotes
आज भी भटकती हूं उन गलियों में,
जिन गलियों में हम मिला करते थे।
करती रहती हूं बातें उन रातों से,
जिन रातों को हम जागे गुजारा करते थे।
छुपा लेती हूं ओ आंखे,
जो तुम्हे देखने को तरस तरस के बरसा करते है। #मिलके भी ना मिले तुम हमसे, इतना दूर क्यों चले गए हमसे, रोती हूं यादों में तो बरसते है क्यों आंखे, दर्द है तो छुपता नहीं क्यों दिल से#love#pyaar vyaar#yqhindi#yqquotes
raveena6181

Raveena

New Creator