सुकून मिलता हैं जब काली रात के अंधेरे में भी आकाश में तारे टिमटिमाते हुऐ कहते हैं हम हैं ना, और निहारता रहता हुं अपनें साथियों को, लेकिन किसी दिन अगर तारे नज़र ना आऐ आसमां रिक्त दिखे तो क्या होगा ? भयानक लगता हैं वो अहसास की अकेलेपन में टिमटिमाती उम्मीदों का अदृश्य हो जाना, आज की रात ऐसी ही हैं रिक्त आकाश और अकेला " मैं "। #रिक्तता