Nojoto: Largest Storytelling Platform

सुकून की तलब बढ़ जाती है जैसे सुकून कहीं छिपा था क

सुकून की तलब बढ़ जाती है
जैसे सुकून कहीं छिपा था
किसी अंधेरे में
रोशनी से दूर
अप्रत्यक्ष
आतुर
ज्यों प्रियसी हो कोई
मिलन को व्याकुल
अपने प्रियतम से
दुनिया की नज़रों से परे OPEN FOR COLLAB✨ #ATदिनढलतेही
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 

Collab with your soulful words.✨ 

• Must use hashtag: #aestheticthoughts 

• Please maintain the aesthetics.
सुकून की तलब बढ़ जाती है
जैसे सुकून कहीं छिपा था
किसी अंधेरे में
रोशनी से दूर
अप्रत्यक्ष
आतुर
ज्यों प्रियसी हो कोई
मिलन को व्याकुल
अपने प्रियतम से
दुनिया की नज़रों से परे OPEN FOR COLLAB✨ #ATदिनढलतेही
• A Challenge by Aesthetic Thoughts! ✨ 

Collab with your soulful words.✨ 

• Must use hashtag: #aestheticthoughts 

• Please maintain the aesthetics.
anujjain6116

Anuj Jain

New Creator