काले काले बदरा, तू कहा से आता है। बिन बरसे मन की त्रीसना और बढ़ाता है बहुत गरजता तड़पता है , पर बूंद भी ना बरसाता है। पूछ ले पता उस भूरे बदरे से, जो कम गरजता है और पानी खूब बरसाता है , आखिर वो पानी कहा से लाता है, जो हर किसी की प्यास बुझता है।।। ©Raj Mani Chaurasia काले काले बदरा #OneSeason