वक़्त घड़ी की सुईओं के साथ बीत रहा था, और एकाएक मुझे एहसास हुआ कि मै तो जी रहा था गलतफहमी में अबतक। शुक्रिया ए ज़िन्दगी मुझे एहसास दिलाने को, क्यों जी ना पाया मैं तूझे खातिर मुस्कुराने को... कई पल तो रो- रो के मैंने बिता दिए, हार मान के ज़िन्दगी से ,जीने के एक- एक पहलू मैंने भुला दिए... ये कैसी नासमझी थी , गर्दिश ए आलम था ना वक़्त ने मुझे कुछ बताया ,ना मुझे कुछ मालूम था... अब सिर्फ पछतावा है , आगे की मंज़िल धुंधली है चारों ओर सन्नाटा है बीता सकता था वक़्त को जब ज़िन्दगी बनाने में, मान के वक्त को रहबर अपना बनाया सिर्फ खुद का तमाशा है , अब सिर्फ निराशा है, सिर्फ निराशा है.... #Waqt #nojotohindi #nojoto #Regret #Emotional #Introspection #Zindagi #hatasha #Dukh