मन मे भ्रष्टाचार है तन मे भ्रष्टाचार है || किन-किन का नाम लुँ जन-जन मे भ्रष्टाचार है || भ्रष्टाचार से तंग आकर सोचा खुद्खुशी कर लुँ || फिर मन मे आयी, कर्तव्य से मुख मोरकर, मर जाना भी भ्रष्टाचार है . ✍️आशीष कुमार सत्यार्थी #कटाक्ष #भ्र्ष्टाचार #corruption #Hindithought