क्या हमने सोचा था क्या ये हो चला एक दिन होगा एक रात होगी उन दोनों के बीच जज़्बात होगी न एक पल की दूरी होगी न ही कोई मज़बूरी होगी। आया एक दानव जो फूट उनमें डाल गया थी एक तिल की बात ताड़ उसे बना गया गलती तो न दिन की थी न रात उसमे शामिल थी दिन ने समझा रात को रात ने दिन की गलती मानी थी। समझ का बस फेर था दूरियों में न अब देर था उनकी समझ में गर ये आ जाए फिर बात उनकी बन जाए दिन पूरा है न रात बिन न दिन बिन रात है ये एक दिन-रात। #जज्बात #दिन_रात #पल #मजबूरी #एक #yqdidi #yqhindi #yqtales YourQuote Didi Vaibhav Dev Singh