अपना ख़्याल रख लेना तू तेरे जहाँ से जा रहा हूँ मैं, कुछ पूछना हो तो पूछ लें तेरे खत जला रहा हूँ मैं, अब बेफिक्र रहा करना तेरा पता मिटा रहा हूँ मैं, नही होगा अब मलाल तुझे तेरी बड़ी खता रहा हूँ मैं, झूम सकती है ख़ुशी से तू गले मौत लगा रहा हूँ मैं, अब गैरों को भी गैर किया सबसे हाथ छुड़ा रहा हूँ मैं, तुझे आख़िरी खत है मेरा आख़िरी बार बता रहा हूँ मैं, यक़ीन न हो आके देख ले कब्र के जाले हटा रहा हूँ मैं, ✍Nitin Arya Muntzir. #अधूरे_लफ्ज़ #नज़्म #feather