नींद भी अपनी जगह सही हैं कब तक अकेली आएगी कोई ख़्वाब अब साथ छोड़ गया कम्बल ओढ़ कर तकिया भी अब रोता हैं कोई आंसू से आपबीती अपनी लिख गया आपबीती