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आज म खुद से रूठा हु न जाने पर क्यो पतों सा सुखा हु

आज म खुद से रूठा हु
न जाने पर क्यो पतों सा सुखा हु
एक अजीब सी बेचैनी ह
कही डर तो कहि आत्मा सहमी सी ह
मन मे एक अजीब सी घबराहट ह
पता नही पर क्यो,
दिल मेरा उदास ह
चुभन हो रही ह बिन काँटो के
न जाने ये कैसा गुलाब ह।
अंदर ही अंदर मानो कोई बात 
मुझे खाई जा रही ह,
हुआ कुछ भी नही फिर भी सताए जा रही ह
दिल मे दर्द,आंखों में नमी
छुपाए जा रही ह

आज मन बहुत उदास ह
कोई याद नही,फिर भी यादे
सताए जा रही ह
वैसे तो नही जरूरत किसी की,
म चुप ही हु,पर
ये चुप्पी बदलो के समान छाए जा रही ह
फिर भी कभी कभी लगता ह
काश!कोई हो ऐसा जो गले
लगा कर कहे"सब ठीक हो जाएगा"
ऐसी आवाज़ कहि खो गई ह
आज म खुद से रूठा हु
शायद मुजे अकेलेपन की आदत हो गई ह। कोई कहे कि
"सब ठीक हो जाएगा"
आज म खुद से रूठा हु
न जाने पर क्यो पतों सा सुखा हु
एक अजीब सी बेचैनी ह
कही डर तो कहि आत्मा सहमी सी ह
मन मे एक अजीब सी घबराहट ह
पता नही पर क्यो,
दिल मेरा उदास ह
चुभन हो रही ह बिन काँटो के
न जाने ये कैसा गुलाब ह।
अंदर ही अंदर मानो कोई बात 
मुझे खाई जा रही ह,
हुआ कुछ भी नही फिर भी सताए जा रही ह
दिल मे दर्द,आंखों में नमी
छुपाए जा रही ह

आज मन बहुत उदास ह
कोई याद नही,फिर भी यादे
सताए जा रही ह
वैसे तो नही जरूरत किसी की,
म चुप ही हु,पर
ये चुप्पी बदलो के समान छाए जा रही ह
फिर भी कभी कभी लगता ह
काश!कोई हो ऐसा जो गले
लगा कर कहे"सब ठीक हो जाएगा"
ऐसी आवाज़ कहि खो गई ह
आज म खुद से रूठा हु
शायद मुजे अकेलेपन की आदत हो गई ह। कोई कहे कि
"सब ठीक हो जाएगा"