2 Years of Nojoto संस्कृतसप्ताहस्य षष्ठम् दिवसस्य शिवकामनाः संस्कृत भाषा में "वसुधैव कुटुम्बकम्" की भावना निहित है, जो महा उपनिषद सहित कई ग्रन्थों में लिपिबद्ध है। यह वाक्य भारतीय संसद के प्रवेश कक्ष में भी अंकित है। अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् | उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् || (महोपनिषद्, अध्याय ४, श्लोक ७१) अर्थ - यह अपना बन्धु है और यह अपना बन्धु नहीं है, इस तरह की गणना छोटे चित्त वाले लोग करते हैं। उदार हृदय वाले लोगों की तो (सम्पूर्ण) धरती ही परिवार है।