मैंने लिखें है किताब में... लिखें है कुछ दर्द जवाब में... न जानें कितने खतों को जला दिया उसने... न जाने कितने खतों को जला दिया उसने... क्योंकि भीग गए थे वो आंसुओं के सैलाब में। मैने लिखें है कुछ दर्द जवाब में।। जुड़िये वर्षा कश्यप जी के साथ उनके लाइव शो " सुकून " में 11 जून को शाम 7 बजे सिर्फ नोजोटो पर