मेरी फ़िक्र छोड़ अपनी नाक बचा ले वहम दिल में ना पाल अहम को मिटा दे गुनाह होंगें नहीं माफ़ दे सच्चाई का साथ सच बोल दे झूठ का पर्दा हटा दे गलती नहीं अकेला देख ढाये तुमनें सितम गिड़गिड़ाओ नहीं रहम दिल हम जो सजा घटा दे पूरी की तुम सबने खाई थी जो क़सम मिलकर तबाह हुए अब के गला घोंट या सिर कटा दे देखना मैं उतरूंगा अपने सिर से बोझ अब दौलत की घमंडी तू चाहें जितनी दौलत लुटा दे तेरा ज़िस्म हैं तेरी मर्ज़ी तू मालिक चांदी की पेटी में रख या बाज़ार में लुटा दे मैं जानता हूँ "दीप" लोग मेरी मौत का करेंगे तमाशा ये ख़ुदा बुझे "दीप" के सर से रौशनी का साया हटा दे ©Deep Bawara yq मुर्दाबाद #भारतीयलेखकसंघटना #आत्महत्या_या_हत्या #yqdidi #yqbaba #Nojoto #BooksBestFriends